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Showing posts from May, 2020

कबीर साहेब के साथ 52 बदमाशी

कबीर परमात्मा के साथ 52 बदमाशी  परमात्मा कबीर साहेब जब इस धरती पर आए उस समय अनेक लोगों ने कबीर साहब का विरोध किया कबीर साहेब को भगवान नहीं माना और कबीर साहेब को मारने के लिए अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचे गए । कबीर साहब को मारने के लिए सिकंदर लोदी के धार्मिक गुरु शेख तकी ने 52 बार मारने की कोशिश की गई लेकिन यह सारे प्रयास विफल गए। कबीर साहेब की अनेक परीक्षाएं ली गई करीब को नीचा दिखाने के लिए एक बार शेख तकी और अन्य नकली संतों ने मिलकर एक झूठी चिट्ठी लिखवाई की कबीर भंडारा करेगा । जिसमें 18 लोग भंडारे में आ गए थे कबीर परमात्मा ने 18 लोग लोगों को 3 दिन तक भोजन करवाया यह केवल कबीर परमात्मा ही कर सकते थे। कबीर परमात्मा को मारने के लिए एक मदमस्त हाथी के सामने कबीर जी को बांधकर लेटा दिया लेकिन कबीर परमात्मा ने हाथी को शेर का स्वरूप दिखाया और हाथी भाग गया।  कबीर साहेब को मारने के लिए शेख तकी ने एक बहुत गहरे कुएं में कबीर साहब को डालकर उनके ऊपर मिट्टी पत्थर डलवा दिए फिर भी कबीर साहब नहीं मरे । कबीर साहेब को मारने के लिए एक पहलवान को तलवार देकर कबीर साहब के घर पर भेजा सोते हुए...

वर्तमान शिक्षा का स्तर खराब या अच्छा

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भारत में वर्तमान शिक्षा प्रणाली जो चलाई जा रही है वह अंग्रेजों के जमाने की मैकाले शिक्षा प्रणाली पर आधारित हैं इस शिक्षा में यह शिक्षा दी जाती है कि शिक्षार्थी केवल एक बाबू बनकर ऑफिस में काम कर सके। वर्तमान की जो शिक्षा प्रणाली है प्राथमिक स्तर पर और उच्च प्राथमिक स्तर पर यह व्यवसायिक शिक्षा प्रणाली पर आधारित नहीं है और यह शिक्षा मानव जीवन के मूल्यों पर आधारित नहीं है यह मनुष्य के दैनिक जीवन में आगे काम आने वाली शिक्षा नहीं है यह शिक्षा केवल किताबी ज्ञान है व्यवहारिक ज्ञान नहीं है। की शिक्षा प्रणाली में मानव जीवन के संस्कार से संबंधित शिक्षा नहीं दी जाती हैं केवल किताबी ज्ञान दिया जाता है संस्कार युक्त ज्ञान नहीं दिया जाता है। इस शिक्षा से लोग शिक्षित हो गए हैं लेकिन संस्कारित नहीं हुई है शिक्षित लोग वर्तमान में नशा करते हैं । पढ़े लिखे शिक्षित लोग पूर्णता है नशा मुक्त नहीं हुए हैं और अंधविश्वास से मुक्त भी नहीं हुए हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में धर्म के शास्त्र की शिक्षा नहीं दी जाती हैं प्राचीन युग में शिक्षा प्रणाली गुरु प्रणाली पर आधारित थी जिसमें शिक्षार्थी को शिक्षा के साथ-मानव ...

सच्चा भगवान(God) कोन है ?

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एक सर्वशक्तिमान सकती हैं जो सृष्टि की रचना की सृष्टि को चला रहा है। उस शक्ति को अलग-अलग धर्म के लोग अलग-अलग नाम से पुकारते हैं जैसे परमात्मा भगवान GOD रब अल्लाह(खुदा) राम रहीम आदि आदि नाम। लेकिन जब सबका मालिक एक है तो उसका नाम भी एक ही हैं और वह भी एक ही हैं।  लेकिन अब तक सभी धर्म गुरुओ उसको पहचाना नहीं उसका साक्षात्कार नहीं किया सभी धर्म के लोग उस भगवान को निराकार बताते हैं जबकि वास्तव में वह भगवान निराकार नहीं है साकार हैं सशरीर हैं मनुष्य जैसा है। उस सच्चा भगवान का प्रमाण सभी धर्मों के सद ग्रंथ बता रहे हैं लेकिन अब तक किसी ने उसको पहचाना नहीं है। परमात्मा भगवान गॉड यह नाम एक ही असली भगवान के नाम हैं और उसका वास्तविक नाम कबीर देव कबीर साहेब हैं। सबका मालिक कबीर है। वेदों में प्रमाण है कबीर देव ने सृष्टि की रचना की। कुरान शरीफ मैं भी प्रमाण है कि अल्लाह ने 6 दिन में सृष्टि की रचना की और सातवें दिन पर तखत पर विराजमान हो गया और वह कबीर है। गुरुग्रंथ साहिब में  भी लिखा है हक्का कबीर ऐ परवरदिगार आलम बड़ा कबीर। वेदों में परमात्मा को कविर्देव बताया है।  कबीर साहिब ...

क्या कैंसर का इलाज संभव है।

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मनुष्य में अनेक प्रकार की बीमारियां पाई जाती है। इन बीमारियों को तीन प्रकार से विभाजित किया गया है। 1 आनुवंशिक बीमारी 2 असंक्रामक बीमारी 3 संक्रामक बीमारी । कैंसर एक असंक्रामक बीमारी है। कैंसर कोशिका में अतिवृद्धि के कारण होता है । कैंसर भी कई प्रकार का होता है। जैसे ब्लड कैंसर गले का कैंसर फेफड़े का कैंसर हड्डी का कैंसर स्तन कैंसर आदि। कैंसर का इलाज विज्ञान ने पूर्ण रूप से नहीं खोज पाया लेकिन जब प्रारंभ में कैंसर का पता लग जाए तो कैंसर पर काबू पाया जा सकता है लेकिन यदि कैंसर शुरू में इलाज नहीं हो पाया और बाद में इसका इलाज संभव नहीं है अगर किसी कोशिका में कैंसर है उसको निकालने पर भी दूसरी कोशिकाओं में कैंसर हो सकता है इसके कारण कैंसर का पूर्णतया इलाज नहीं हो पाता है कैंसर होने के लगभग 6 महीने 12 महीने मैं मनुष्य की मृत्यु हो जाती हैं।  लेकिन कबीर परमात्मा अपने भक्तों की भयंकर से भयंकर बीमारी को भी समाप्त कर देते हैं चाहे वह कैंसर ही क्यों ना हो कबीर परमात्मा साधक का पूर्व कर्म के प्रारब्ध को काट देते हैं जिससे कोई भी बीमारी हो कबीर परमात्मा की दया से समाप्त हो जाते हैं ...

दान सुपात्र को करना है।

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दान सुपात्र को ही करना चाहिए तभी वह दान फल दायक होता है। कुपात्र को दिया गया दान फलदायक नहीं होता है। और दान समय के अनुसार भी करना चाहिए। जब किसी का पेट भरा हो घर में किसी की कोई कमी नहीं हो अगर हम उसको दान करते हैं वह चाहे पंडितों ब्राह्मण हो संतो या कोई भी हो तो उस दान का फल नहीं मिलता है उसमें यह कुपात्र हैं। जब कोई भूखा हो या परिवार के सभी सदस्य भूखे हो उस समय अगर उनको भोजन दे या उनकी आवश्यक सामग्री दें तो वह दान फल का होता है। वर्तमान समय से कोरोना वायरस जैसी भयंकर बीमारी के कारण भारत में लोक डाउन चल रहा है जिसस मजदूर लोग आम जनता परेशान हो रही है उनके पास खाने का राशन नहीं है भोजन नहीं है तो जो इस समय दान करता है उन भूखे को भोजन देता है वह पुण्य का काम है। और यह पुण्य का काम भारत के हरियाणा राज्य के हिसार के संत रामपाल जी के आदेश से संत जी के अनुयाई यह पुण्य का काम कर रहे हैं गांव गांव में जाकर भूखे लोग गरीब लोग को भोजन राशन सामग्री वितरित कर रहे हैं इसे कहते हैं सेवा यह है दान। संत जी के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप टीवी के श्रद्धा चैनल पर दिन में 2:00 ...

परमात्मा भयंकर से भयंकर रोग का नाश कर देता है!

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परमात्मा साधक के भयंकर रोग का नाश कर सकता है! जब मनुष्य परमात्मा को पहचान लेता है कि वास्तव में परमात्मा कौन है, परमात्मा की पहचान सतगुरु जी करवाते हैं! जिसने तत्वदर्शी संत को गुरु बना रखा है, सतगुरु परमात्मा की पहचान करवाता है। और जब साधक परमात्मा कबीरजी को पहचान लेता है, तो परमात्मा की सद्भक्ति करता है, तब उसे कोई भी रोग हो चाहे, जैसे कैंसर एड्स कोरोना वायरस या उसकी मृत्यु भी निकट हो तो कबीर परमात्मा उस साधक की मृत्यु को भी टाल सकता है उसको जीवन दान देकर उसकी आयु बढ़ा देता है और उसकी उम्र 100 वर्ष कर देता है केवल सत भक्ति करने के लिए। वर्तमान में कोरना जैसी महामारी से बचने के लिए कबीर परमात्मा की भक्ति करनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए आप टीवी पर भी सत्संग देख सकते हैं। सुबह 6:00 बजे से 7:00 बजे तक टीवी के नेपाल वन चैनल पर सत्संग देखें। दोपहर को 2:00 बजे से 3:00 बजे तक टीवी के श्रद्धा चैनल पर सत्संग जरूर देखें। www.jagargururampalji.org