वर्तमान शिक्षा का स्तर खराब या अच्छा

भारत में वर्तमान शिक्षा प्रणाली जो चलाई जा रही है वह अंग्रेजों के जमाने की मैकाले शिक्षा प्रणाली पर आधारित हैं इस शिक्षा में यह शिक्षा दी जाती है कि शिक्षार्थी केवल एक बाबू बनकर ऑफिस में काम कर सके। वर्तमान की जो शिक्षा प्रणाली है प्राथमिक स्तर पर और उच्च प्राथमिक स्तर पर यह व्यवसायिक शिक्षा प्रणाली पर आधारित नहीं है और यह शिक्षा मानव जीवन के मूल्यों पर आधारित नहीं है यह मनुष्य के दैनिक जीवन में आगे काम आने वाली शिक्षा नहीं है यह शिक्षा केवल किताबी ज्ञान है व्यवहारिक ज्ञान नहीं है। की शिक्षा प्रणाली में मानव जीवन के संस्कार से संबंधित शिक्षा नहीं दी जाती हैं केवल किताबी ज्ञान दिया जाता है संस्कार युक्त ज्ञान नहीं दिया जाता है। इस शिक्षा से लोग शिक्षित हो गए हैं लेकिन संस्कारित नहीं हुई है शिक्षित लोग वर्तमान में नशा करते हैं । पढ़े लिखे शिक्षित लोग पूर्णता है नशा मुक्त नहीं हुए हैं और अंधविश्वास से मुक्त भी नहीं हुए हैं।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली में धर्म के शास्त्र की शिक्षा नहीं दी जाती हैं प्राचीन युग में शिक्षा प्रणाली गुरु प्रणाली पर आधारित थी जिसमें शिक्षार्थी को शिक्षा के साथ-मानव जीवन के मूल्यों पर भी शिक्षा दी जाती थी।
यहां पर धर्मशास्त्र की पढाई से लेकर अस्त्र की शिक्षा भी सिखाई जाती थी. इसमें कोई संदेह नहीं है कि योग साधना और यज्ञ के लिए गुरुकुल को एक अभिन्न अंग माना जाता है. यहां पर हर विद्यार्थी हर प्रकार के कार्य को सीखता है और शिक्षा पूर्ण होने के बाद ही अपना काम रूचि और गुण के आधार पर चुनता था.
मानव को संस्कार युक्त बनाने के लिए सत्संग की आवश्यकता है वर्तमान में केवल सत्संग संत रामपाल जी महाराज ही कर रहे हैं अधिक जानकारी के लिए आप ज्ञान गंगा पुस्तक पढ़ सकते हैं।
और रोज टीवी के साधना चैनल पर शाम को 7:30 बजे संत जी का सत्संग भी देख सकते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

सत्य परमात्मा कौन है?

Janmashtami God Krishna

कबीरपरमेश्वर का मगहर से सशरीर सतलोक गमन और मगहर लीलाएं