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भाई दूज कितनी सहायक हिंदू धर्म में भाई बहन के रिश्ते को लेकर दो त्योहार आते हैं। पहला और सबसे बड़ा त्यौहार रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और रक्षा को लेकर हिंदू धर्म के लोग श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाते हैं और मानते हैं की बहन की रक्षा वही करता है और इससे लेकर बहन भाई के राखी या रक्षा सूत्र बांधते हैं और भाई से कहते हैं कि भाई विपत्ति काल में आप मेरी रक्षा करना और यह तो यार पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या वास्तव में भाई बहन की रक्षा कर सकता है यह कितना सत्य है आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन ही होने वाली घटनाओं से जरा नीचे कि यह फोटो देखिए क्या इसमें भाई बहन की रक्षा कर पाया। या बहन भाई की रक्षा कर पाई।  यह त्यौहार मनाने वाले को वास्तव में यह पता नहीं है कि सब का रक्षक कौन है अगर जब इनको ज्ञान हो जाएगा कि एक भाई राखी बांधने से वह रक्षा नहीं कर सकता वास्तव में सब का रक्षक तो कोई और परमात्मा है अगर जब हमें उस परमात्मा की जानकारी हो जाएगी और हम उस परमात्मा की भक्ति करने लग जाएंगे तो ऐसी घटना नहीं होगी और वह परमात्मा हमारी रक्षा करेगा। ...

सत्य परमात्मा कौन है?

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सत्य परमात्मा कौन है? इस संसार में परमात्मा केवल एक हैं जिस का वास्तविक नाम कबीर देव हैं यही सत्य परमात्मा है इसे पूर्ण ब्रह्म, परमेश्वर, परम अक्षर ब्रह्म कहते हैं. आज तक किसी भी संत महंत को परमात्मा का वास्तविक ज्ञान प्राप्त नहीं होने के कारण भक्ति मार्ग पर लगे यह लोग परमात्मा को निराकार बताते रहे और वेद में ब्रह्म लिखा है उसी को परमात्मा बताते रहे और वह अव्यक्त रहता है इसीलिए ब्रह्म को ही परमात्मा बताकर निराकार सिद्ध कर दिया। संत महंत महर्षि ओ को वेद और तत्व ज्ञान प्राप्त नहीं होने के कारण कॉल रूपी ब्रह्म को ही परमात्मा बताते रहे और निराकार मानते रहे लेकिन वेद में प्रमाण हैं कि परमात्मा साकार हैं शरीर हैं मानव दृश्य हैं राजा के समान दर्शनीय है सतलोक में सिंहासन पर विराजमान हैं इससे सिद्ध होता है कि परमात्मा निराकार नहीं है। वेद में प्रमाण है कि परमात्मा शिशु रूप धारण करके इस मृत्युलोक में आते हैं कुंवारी गाय के दूध से परमात्मा का बचपन का पालन होता है और परमात्मा पूरा जीवन व्यतीत कर के सशरीर सतलोक जाते हैं। परमात्मा कबीर साहेब तीन प्रकार से इस पृथ्वी पर आते हैं और अपने थ...

Janmashtami God Krishna

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Janmashtami :- जन्माष्टमी का शाब्दिक अर्थ है जन्म+अष्टमी:-जिसका जन्म अष्टमी के दिन हुआ हो, उसका जन्मदिन मनाने को जन्माष्टमी कहते हैं । द्वापर युग में कंस का अत्याचार बढ़ जाने से विष्णु जी ने कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। कंस की बहन देवकी और उनके प्रति वासुदेव जी को एक दिन जब कंस उनके घर छोड़ने जा रहा था तो आकाशवाणी हुई । कंश तुम्हारी मौत देवकी के गर्भ से उत्पन्न हुई या जन्म लेने वाली आठवीं संतान से होगा और उसका नाम कृष्ण होगा।  हिंदू महीने के भाद्रपद महीने के अष्टमी के दिन श्री कृष्ण का जन्म देवकी के गर्भ से हुआ था तभी से हिंदू धर्म में कृष्ण जन्म को जन्माष्टमी के रुप में मनाते हैं।   अरे लेकिन परमात्मा के लिए तो कहा जाता है कि परमात्मा तो अजन्मा है यहां तो कृष्ण का जन्म हुआ है इसका अर्थ परमात्मा कृष्ण से अन्य है। तो वह परमात्मा कौन है जो अजन्मा है जो किसी भी मां के गर्भ से जन्म नहीं लेता है। लेकिन कबीर साहिब ने कहा है कि मैं अविनाशी परमात्मा हूं मैं किसी के मां के गर्भ से जन्म नहीं लेता हूं।  मै सतलोक से सशरीर धरती पर आता हूं। एक बार श्री कृष्ण ने अपने ...

Bible ka Gyan

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बाइबल का ज्ञान बाइबिल में लिखा है कि यीशु परमेश्वर नहीं है ईसा मसीह है परमेश्वर के पुत्र है। बाइबिल में परमेश्वर कबीर को बताया है। सभी धर्मों के ग्रंथ में प्रमाण हैं कबीर साहिब परमात्मा परमेश्वर हैं।  बाइबिल में भी एक सेेे अनेक प्रभु  का प्रमााण हैं।   तीन देव योहा को मिले थे। सबका मालिक एक कबीर साहिब है। बाइबल में केवल पेड़ के बीज फल खाने का आदेश है। यानी मनुष्य को शाकाहारी भोजन करना चाहिए। मांस खाने का आदेश नहीं है। जो लोग मांस खाते है वे बाइबल का ज्ञान नहीं हैं या बाइबल में लिखा कि अवहेला करते है। इनको सजा मिलेगी।  Kabir is God.  अधिक जानकारी के लिए रोज टीवी के चैनल नेपाल 1 सुबह 6:00 से7:00 श्रद्धा चैनल पर दोपहर 2:00 से  शाम को साधना चैनल पर 7:30 से

कबीरपरमेश्वर का मगहर से सशरीर सतलोक गमन और मगहर लीलाएं

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कबीरपरमेश्वर का मगहर से सशरीर सतलोक गमन और मगहर लीलाएं:- कबीर परमात्मा का जन्म नहीं होता है और मरते भी नहीं है कबीर परमात्मा सशरीर ही सतलोक से आते हैं और सशरीर सतलोक जाते हैं :- 1-काशी के ब्राह्मणों ने गलत अफवाह फैला रखी थी कि जो काशी में मरता है स्वर्ग जाता है और जो मगहर में शरीर छोड़ता है वह गधे का जन्म पाता है। कबीर परमेश्वर जी मनमाने लोकवेद का खंडन करने के लिए मगहर में हजारों लोगों के सामने सशरीर गये। शरीर की जगह फूल मिले और भविष्यवाणी कर बताया कि मैं स्वर्ग और महास्वर्ग से ऊपर अविनाशी धाम सतलोक जा रहा हूँ। तहां वहां चादरि फूल बिछाये, सिज्या छांडी पदहि समाये। दो चादर दहूं दीन उठावैं, ताके मध्य कबीर न पावैं।। कबीर, क्या काशी क्या ऊसर मगहर, राम हृदय बस मोरा। जो कासी तन तजै कबीरा, रामे कौन निहोरा।। मगहर में मरने वाला गधा बनता है इस भ्रम का खंडन करते हुए कबीर परमात्मा ने बताया कि जिसके हृदय में परमात्मा का वास हैं वह चाहे काशी में मरे या मगहर में उसकी मुक्ति निश्चित है। यदि काशी में तन छोड़ने से मुक्ति होती है तो भगवान को भजने की क्या आवश्यकता थी? 2-मगहर में सूखी नदी में पान...

DivinePlay_Of_GodKabir

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Divine Play Of GodKabir Welfare of Hanuman ji After Shriram ji's return to Ayodhya, after being humiliated and expelled from the palace by Sita, Hanuman ji met God Kabir ji who came in the form of Muninder in Treta and showed the path of salvation to this saintly soul by giving true sermons . Taking Jeeva Dutta in refuge Kabir Paramatma, who came in the form of Munindra in Treta Yuga, after turning dry branch into green had put an end to the  doubts of Jeeva and Dutta who were looking for true Saint and took both souls in his refuge. Calling Veda mantra from Buffalo   With a view to insult the illiterate Kabir ji in a bhandara in front of his Gurudev Swami Ramanand ji, the pundits made a condition for the bhandara to recite the Ved mantra.  Calling the buffalo standing nearby and invoking the Veda mantra from him, God Kabir said that now this buffalo will have bhandara with you. Taking Gorakhnath in refuge Kabir ji himself discussed with Gorakhnath...

कबीर साहेब के साथ 52 बदमाशी

कबीर परमात्मा के साथ 52 बदमाशी  परमात्मा कबीर साहेब जब इस धरती पर आए उस समय अनेक लोगों ने कबीर साहब का विरोध किया कबीर साहेब को भगवान नहीं माना और कबीर साहेब को मारने के लिए अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचे गए । कबीर साहब को मारने के लिए सिकंदर लोदी के धार्मिक गुरु शेख तकी ने 52 बार मारने की कोशिश की गई लेकिन यह सारे प्रयास विफल गए। कबीर साहेब की अनेक परीक्षाएं ली गई करीब को नीचा दिखाने के लिए एक बार शेख तकी और अन्य नकली संतों ने मिलकर एक झूठी चिट्ठी लिखवाई की कबीर भंडारा करेगा । जिसमें 18 लोग भंडारे में आ गए थे कबीर परमात्मा ने 18 लोग लोगों को 3 दिन तक भोजन करवाया यह केवल कबीर परमात्मा ही कर सकते थे। कबीर परमात्मा को मारने के लिए एक मदमस्त हाथी के सामने कबीर जी को बांधकर लेटा दिया लेकिन कबीर परमात्मा ने हाथी को शेर का स्वरूप दिखाया और हाथी भाग गया।  कबीर साहेब को मारने के लिए शेख तकी ने एक बहुत गहरे कुएं में कबीर साहब को डालकर उनके ऊपर मिट्टी पत्थर डलवा दिए फिर भी कबीर साहब नहीं मरे । कबीर साहेब को मारने के लिए एक पहलवान को तलवार देकर कबीर साहब के घर पर भेजा सोते हुए...