Janmashtami God Krishna

Janmashtami :-

जन्माष्टमी का शाब्दिक अर्थ है जन्म+अष्टमी:-जिसका जन्म अष्टमी के दिन हुआ हो, उसका जन्मदिन मनाने को जन्माष्टमी कहते हैं ।
द्वापर युग में कंस का अत्याचार बढ़ जाने से विष्णु जी ने कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। कंस की बहन देवकी और उनके प्रति वासुदेव जी को एक दिन जब कंस उनके घर छोड़ने जा रहा था तो आकाशवाणी हुई । कंश तुम्हारी मौत देवकी के गर्भ से उत्पन्न हुई या जन्म लेने वाली आठवीं संतान से होगा और उसका नाम कृष्ण होगा।
 हिंदू महीने के भाद्रपद महीने के अष्टमी के दिन श्री कृष्ण का जन्म देवकी के गर्भ से हुआ था तभी से हिंदू धर्म में कृष्ण जन्म को जन्माष्टमी के रुप में मनाते हैं।
 
अरे लेकिन परमात्मा के लिए तो कहा जाता है कि परमात्मा तो अजन्मा है यहां तो कृष्ण का जन्म हुआ है इसका अर्थ परमात्मा कृष्ण से अन्य है।
तो वह परमात्मा कौन है जो अजन्मा है जो किसी भी मां के गर्भ से जन्म नहीं लेता है। लेकिन कबीर साहिब ने कहा है कि मैं अविनाशी परमात्मा हूं मैं किसी के मां के गर्भ से जन्म नहीं लेता हूं।  मै सतलोक से सशरीर धरती पर आता हूं।
एक बार श्री कृष्ण ने अपने भक्त मोरध्वज के पुत्र ताम्रध्वज के शरीर के दो टुकड़े करके वापस ताम्रध्वज को जीवित कर दिया था। 
कबीर साहिब ने भी अपने भक्त समन के पुत्र सेऊ के कटे हुए शिर को धड़ से जोड़कर सेऊ को जीवित कर दिया था
इससे सिद्ध होता है कि कबीर साहेब परमात्मा हैं।

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