सत्य परमात्मा कौन है?
सत्य परमात्मा कौन है?
इस संसार में परमात्मा केवल एक हैं जिस का वास्तविक नाम कबीर देव हैं यही सत्य परमात्मा है इसे पूर्ण ब्रह्म, परमेश्वर, परम अक्षर ब्रह्म कहते हैं.
आज तक किसी भी संत महंत को परमात्मा का वास्तविक ज्ञान प्राप्त नहीं होने के कारण भक्ति मार्ग पर लगे यह लोग परमात्मा को निराकार बताते रहे और वेद में ब्रह्म लिखा है उसी को परमात्मा बताते रहे और वह अव्यक्त रहता है इसीलिए ब्रह्म को ही परमात्मा बताकर निराकार सिद्ध कर दिया। संत महंत महर्षि ओ को वेद और तत्व ज्ञान प्राप्त नहीं होने के कारण कॉल रूपी ब्रह्म को ही परमात्मा बताते रहे और निराकार मानते रहे लेकिन वेद में प्रमाण हैं कि परमात्मा साकार हैं शरीर हैं मानव दृश्य हैं राजा के समान दर्शनीय है सतलोक में सिंहासन पर विराजमान हैं इससे सिद्ध होता है कि परमात्मा निराकार नहीं है।
वेद में प्रमाण है कि परमात्मा शिशु रूप धारण करके इस मृत्युलोक में आते हैं कुंवारी गाय के दूध से परमात्मा का बचपन का पालन होता है और परमात्मा पूरा जीवन व्यतीत कर के सशरीर सतलोक जाते हैं।
परमात्मा कबीर साहेब तीन प्रकार से इस पृथ्वी पर आते हैं और अपने थर्ड भक्तों को नाम दीक्षा देकर सत्य परमात्मा की पहचान करवाते हैं और फिर सतगुरु रूप में परमात्मा आकर अपने भक्तों को अपना वास्तविक नाम परमात्मा का नाम कबीर देव बता कर परमात्मा की पहचान करवाते हैं
कबीर परमात्मा चारों युगों में नामांतर करके आते हैं अर्थ अर्थ प्रत्येक युग में अपना अलग अलग नाम धारण करके इस मृत्युलोक में आते हैं।
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कबीर परमात्मा ने कहां है कि मैं चारों युगों में आता हूं
सतयुग में सत सुकृत कह टेरा, त्रेतानाम मूनिंदर मेरा।
द्वापर में करुणामय कहलाया, कलयुग नाम कबीर धराया।।
कबीर परमात्मा ने बताया कि परमात्मा का ज्ञान मेरी कृपा पात्र मेरे संत ही बताते हैं।
तत्वज्ञान को केवल तत्वदर्शी संत ही बताते हैं।
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