भाई दूज कितनी सहायक
हिंदू धर्म में भाई बहन के रिश्ते को लेकर दो त्योहार आते हैं। पहला और सबसे बड़ा त्यौहार रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और रक्षा को लेकर हिंदू धर्म के लोग श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाते हैं और मानते हैं की बहन की रक्षा वही करता है और इससे लेकर बहन भाई के राखी या रक्षा सूत्र बांधते हैं और भाई से कहते हैं कि भाई विपत्ति काल में आप मेरी रक्षा करना और यह तो यार पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या वास्तव में भाई बहन की रक्षा कर सकता है यह कितना सत्य है आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन ही होने वाली घटनाओं से जरा नीचे कि यह फोटो देखिए क्या इसमें भाई बहन की रक्षा कर पाया। या बहन भाई की रक्षा कर पाई।
यह त्यौहार मनाने वाले को वास्तव में यह पता नहीं है कि सब का रक्षक कौन है अगर जब इनको ज्ञान हो जाएगा कि एक भाई राखी बांधने से वह रक्षा नहीं कर सकता वास्तव में सब का रक्षक तो कोई और परमात्मा है अगर जब हमें उस परमात्मा की जानकारी हो जाएगी और हम उस परमात्मा की भक्ति करने लग जाएंगे तो ऐसी घटना नहीं होगी और वह परमात्मा हमारी रक्षा करेगा। और वह परमात्मा कबीर साहिब हैं अगर हम सच्चे सतगुरु से नाम दीक्षा लेकर कबीर परमात्मा की भक्ति करते हैं तो कबीर परमात्मा अपने पूरे परिवार की रक्षा करता है।
अच्छा रक्षाबंधन अगर वास्तव में ही रक्षा करने को तैयार हैं तो भाई दूज वाला त्यौहार मनाने की आवश्यकता नहीं होती।
और हिंदू धर्म का भाई बहन का रिश्ता से लेकर दूसरा तैयार भाई दूज मनाया जाता है इस दीपावली के 2 दिन बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है । इस दिन भी बहन भाई के नाम का व्रत रखती हैं और भाई के लंबीउम्र की मनोकामना के लिए पूरे दिन भर व्रत रहते हैं।
लोगों को वास्तविक ज्ञान नहीं होने के कारण यह अनावश्यक परंपराएं को ढो रहे हैं। इन परंपराओं की बजाय अगर परमात्मा की पहचान करके परमात्मा की सत भक्ति करेंगे तो रोजमर्रा के जीवन में यह होने वाली घटना नहीं होगी और पूरा परिवार सुखी जीवन व्यतीत करेगा। अधिक जानकारी के लिए आप टीवी के साधना चैनल पर रोज शाम को 7:30 बजे सत्संग देख सकते हैं। जीने की राह पुस्तक पढ़कर कबीर परमात्मा के पहचान कर सकते हैं।
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